डेयरी फार्मिंग बिजनेस कैसे शुरू करें? How to Start Dairy Farming in India.

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Dairy Farming अर्थात दुग्ध उत्पादन करने का काम भारत में बहुत लाभकारी बिजनेस हो सकता है। यदि इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसायी अपने व्यवसाय का संचालन पेशेवर तरीके से करें । लेकिन अभी भारत के ग्रामीण इलाको में इस काम को सिर्फ सहायक आय की कमाई करने हेतु किया जाता है।

जबकि हमारा मानना है की यदि कृषि से जुड़े इस व्यवसाय को थोडा सा बड़े स्तर पर और अच्छे ढंग से संचालित किया जाय तो यह business आपको full income दिलाने का सामर्थ्य रखता है।

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डेयरी फार्मिंग क्या है:

डेयरी फार्मिंग से हमारा आशय दुग्ध उत्पादन करने की क्रिया से है। और आप सबको विदित है की दुग्ध उत्पादन करने की क्रिया गाय पाल के, भैंस पाल के या फिर बकरी पाल के की जा सकती है। इसलिए पालतू जानवरों को पाल के, दुग्ध उत्पादन करने की क्रिया ही डेयरी फार्मिंग कहलाती है।

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डेयरी फार्मिंग के लाभ (Benefits of Dairy Farming in Hindi) :

डेयरी फार्मिंग में स्कोप :

पशुधन की आबादी में India विश्व में सबसे अधिक संपन्न देश है। सम्पूर्ण विश्व की लगभग 57.3% भेंसो का पालन इस देश में किया जाता है। वर्ष 2011-12 आंकड़ो के अनुसार तीन लाख पांच हज़ार करोड़ से भी अधिक का व्यापार सिर्फ दूध का था। भारतवर्ष में प्रतिवर्ष लगभग 12 करोड़ 7 लाख 90 हज़ार टन दूध का उत्पादन किया जाता है।

जबकि 2020 तक India में ही दूध की मांग प्रति वर्ष लगभग 18 करोड़ टन हो गई थी । इन्ही आंकड़ो से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं की India में इस तरह के बिजनेस में अपार संभावनाएं अर्थात scope है।

डेयरी फार्मिंग कैसे शुरू करें? (How to Start Dairy Farming in India).

भारत में डेयरी फार्मिंग बिजनेस शुरू करना एक जटिल प्रक्रिया है। इसलिए यह business करने से पहले आपको पशुओं की नस्ल, पशुओं के रहने का इंतजाम, पशुओं के खाने का इंतजाम, देखभाल और प्रबंधन इत्यादि का विश्लेषण कर उचित व्यवस्था करनी होगी।

1 पशु की नस्ल का चुनाव करें (Cattle breed selection) :

चूँकि गाय और भैंस की अनेको राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय नस्ल बाज़ार में उपलब्ध हैं। इसलिए इस व्यवसाय के लिए आपको पशुओं की नस्ल पर Market Research करके अधिक उत्पादन करने वाली नस्ल का चुनाव करना होगा।

गाय के दूध में भैंस के दूध के मुकाबले में कम बसा होता है। इसलिए गाय के दूध की कीमत भैंस की दूध की कीमत से कुछ अधिक हो सकती है। आप चाहें तो गाय और भैंस दोनों का पालन एक ही छप्पर के नीचे कर सकते हैं।

India में अच्छी भैंसों की नस्ल Murrah, Bhadwari, Surti, Jaffarabadi, Mehsana, Nili Ravi, Nagpuri इत्यादि हैं। वही गाय की अच्छी नस्लों में Sahiwal, Gir, Red Sindhi इत्यादि आते हैं। Jersey, Brown swiss, Holstein Friesian अन्तराष्ट्रीय गाय की नस्लों को भी आप चाहें तो अपने बिजनेस का हिस्सा बना सकते हैं।

2 पशुओं के लिए आवास बनाएँ (Housing for Cattle):

Housing से हमारा आशय पशुओं के लिए बनाया जाने वाला छप्पर से है। अत्यधिक उत्पादन हेतु एक अच्छे ढंग से व्यवस्थित छप्पर का होना जरुरी हो जाता है। एक व्यवस्थित Farm में एक पशु को लगभग 50 वर्ग फीट जगह छप्पर के अन्दर और लगभग 85 वर्ग फीट खुली जगह की आवश्यकता होती है।

अपने पशुओं के लिए Housing करते समय आपको यह सुनिश्चित करना होगा की छप्पर के अन्दर वे सारी सेवाएँ हैं जो एक पशु को चाहिए होती हैं। जैसे शुद्ध हवा का आवागमन, पूरी जगह, इत्यादि।

3 पशुओं के लिए खाने का प्रबंध करें (Feeding).

ध्यान रहे पोषण युक्त और उच्च गुणवत्ता खाना पशुओं में उनकी दूध देने की क्षमता को बढाता है । इसलिए आप हमेशा कोशिश कीजिये की आपके पशुओं को उचित मात्रा में उच्च गुणवत्ता व पोषण युक्त खाना मिले।

Green Food यानिकी हरी घास जहाँ एक तरफ जानवरों को अधिक दूध देने के लिए प्रेरित करती है, वही जानवरों के खाने पर आने वाले खर्चे को भी कम करती है। इसलिए अपने जानवरों को अधिक से अधिक Green food देने की कोशिश कीजिये।

यदि आपके पास कोई खाली जमीन पड़ी है, तो आप अपने पशुओं के लिए Green food का आसानी से उत्पादन कर सकते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक एक दूध देने वाले जानवर को 1 लीटर दूध देने के लिए लगभग 6-7 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए जानवरों को हमेशा शुद्ध और उचित मात्रा में पानी का सेवन अवश्य कराएँ ।

4 पशुओं की देखभाल करें (Livestock Care):

जानवरों अर्थात पशुधन की अच्छी तरह देखभाल करना dairy farming business की सफलता की कुंजी है। आपको कोशिश करनी है की आप अपने पशुधन को पशुओं की हर बीमारी से दूर रखें।

उनको बीमारीमुक्त रखने के लिए उनका समय समय पर टीकाकरण करवाते रहें। और अच्छी उत्पादकता और सेहत के लिए उन्हें उच्च गुणवत्ता और पोषण युक्त भोजन का सेवन करवाते रहें।

डेयरी फार्मिंग में कठिनाइयाँ (Difficulties in Dairy Farming):

  1. इस Business की जो सबसे बड़ी कठिनाई है, वह यह है की भारतीय पढ़े लिखे युवा का ध्यान ऐसे business की तरफ कभी नहीं जाता। यदि कोई युवा मज़बूरी में यह कदम उठा भी लेता है, तो वह इस व्यापार में अपना पूरा ध्यान दे नहीं पाता। जिससे सकारात्मक परिणाम नहीं आते। और समाज की भी सोच इस व्यवसाय के प्रति ऐसी ही है, की यह व्यापार तो कम पढ़े लिखे अनपढ़ व्यक्तियों के लिए है। इसलिए हो सकता है जब कोई पढ़ा लिखा युवा व्यक्ति डेयरी फार्मिंग का बिज़नेस शुरू करे, तो उसको समाज की Positive बातें सुनने को न मिले। लेकिन आप अपनी Kamai करके इस बिज़नेस के प्रति समाज का नजरिया बदल सकते हैं।
  2. उच्च बुनियादी ढांचा और जानवरों को खाना खिलाने का खर्चा इस व्यवसाय की विवशता है।
  3. अधिकतर किसान जो यह व्यापार कर रहे होते हैं, वे अपने से उत्पादित Green Food को खर्चे में शामिल नहीं करते। इस प्रकार का behavior यह बताता है की वो अपने डेयरी फार्मिंग से होने वाली Kamai और खर्चे को लेकर गंभीर नहीं हैं।
  4. चूँकि प्रजनन प्रक्रिया एक जैविक घटना होती है। लेकिन India में इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगो का मानना है की अधिकतर पशुओं में समय के अनुसार गर्भ धारण नहीं हो पाता है।
  5. India में दूध के wholesale price और retail price में बहुत अधिक अंतर है। जिससे इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगो को और अधिक लाभ नहीं हो पाता।

डेयरी फार्मिंग बिजनेस को सफल कैसे बनाएँ

इसमें कोई दो राय नहीं की दूध और दूध से उत्पादित अन्य उत्पादों की बाज़ार में भारी माँग है। लेकिन इसके बावजूद कई ऐसे उद्यमी हैं जो अपने डेयरी फार्मिंग बिजनेस को सफलतापूर्वक नहीं चला पाते हैं।

यदि आप भी उनमें से एक हैं जो अपने डेयरी फार्म को ढंग से नहीं चला पा रहे हैं तो आप इस बिजनेस में सफलता प्राप्त करने के लिए निम्न बातों का अनुसरण कर सकते हैं।

डेयरी फार्मिंग की सफलता के लिए कुछ अतिरिक्त टिप्स :

  1. यह business करने से पहले कोशिश करें की इस व्यवसाय से जुड़े लोगो से इस व्यवसाय को लेकर बात करें । और उनसे डेयरी फार्मिंग व्यापार के secret tips लें इसके लिए हो सके तो कुछ व्यवसायिक Farms का भ्रमण अवश्य करें।
  2. जब आप किसी व्यवसायिक Farm का भ्रमण कर रहे होते हैं। तो उस Farm का अच्छे से विश्लेषण करें।
  3. अपने नजदीकी पशु चिकत्सको से मिलकर अपने क्षेत्र में इस व्यवसाय की संभावनाओ पर बात करें, और उनका आकलन करें।
  4. जानवरों के खाने की उपलब्धता और इसमें लगने वाली लागत के बारे में पहले से जाग्रत रहें । और प्रतिकूल मौसम में भी पशुओं के खाने की उपलब्धता का Plan करके रखें।
  5. अपने डेयरी फार्म के लिए, जिस जमीन पर आप Green Food का उत्पादन करने वाले हैं। उस मिटटी की जांच करवा लें।
  6. अगर हो सके तो कृषि विज्ञानं केंद्र से Dairy Farming की Training अवश्य लें। क्योकि इस training के दौरान आपको इस व्यापार की बारीकियां। जैसे खर्चे कम करना, उत्पादकता बढ़ाना, कम खर्च करके पोषण युक्त खाने की व्यवस्था इत्यादि विषयों पर जानकारी दी जाएगी।

डेयरी फार्म व्यवसाय को शुरू करने के प्रति गंभीर व्यक्तियों को पशु पालन और उनकी चिकित्सा से सम्बंधित और जानकारी की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए इच्छुक व्यक्ति चाहें तो, अपने ज्ञानवर्धन के लिए किसी स्थानीय पुस्तकालय या ऑनलाइन पशु पालन और पशु चिकित्सा पर लिखी पुस्तक भी खरीद सकते हैं।

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